वजन कम करने के लिए इंट्रागैस्ट्रिक बैलून
फ़ायदा
1.गुब्बारा निगलने से प्रत्यारोपित होता है
रोगी गुब्बारा और कैथेटर के एक हिस्से वाले कैप्सूल को मुंह से निगलकर पेट में डाल लेता है।
2.गुब्बारा फुलाएँ
कैप्सूल पेट के अम्लीय वातावरण में तेजी से घुल जाता है।
एक्स-रे फ्लोरोस्कोपी द्वारा स्थिति निर्धारण के बाद, कैथेटर के बाहरी सिरे से गुब्बारे में तरल इंजेक्ट किया जाता है।
गुब्बारा एक दीर्घवृत्ताकार आकार में फैल जाता है।
कैथेटर को बाहर खींच लिया जाता है और गुब्बारा रोगी के पेट में ही रहता है।
3.गुब्बारा स्वचालित रूप से विघटित हो सकता है और प्राकृतिक रूप से उत्सर्जित हो सकता है
गुब्बारा रोगी के शरीर में 4 से 6 महीने तक रहता है और फिर स्वतः ही नष्ट होकर खाली हो जाता है।
जठरांत्र संबंधी मार्ग के क्रमाकुंचन के तहत, यह स्वाभाविक रूप से आंत्र पथ के माध्यम से शरीर से उत्सर्जित होता है
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